Earthquake in Delhi: जानिए क्यों आता है भूकंप और कैसे मापी जाती है इसकी तीव्रता? आसान शब्दों में जानिए सबकुछ
Earthquake Today In Delhi, Noida, Ghaziabad, Earthquake News Today in India, Nepal: भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, ये तो हम सभी जानते हैं. लेकिन क्या आपके मन में ये सवाल नहीं उठता कि आखिर भूकंप क्यों आता है, इसकी तीव्रता कैसे मापी जाती है और इसके केंद्र का कैसे पता चलता है? आइए बताते हैं.
भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से करीब 90 किलोमीटर पूर्व दक्षिण-पूर्व नेपाल में था.
भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से करीब 90 किलोमीटर पूर्व दक्षिण-पूर्व नेपाल में था.
Earthquake Today In Delhi, Noida, Ghaziabad, Earthquake News Today in India, Nepal: दुनियाभर में हर साल कहीं न कहीं भूकंप आने की खबर सामने आती रहती है. मंगलवार देर रात दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रात को सोते हुए अचानक बेड और आसपास रखी चीजें हिलने लगीं. दहशत से लोग जाग गए और घर के बाहर निकल आए. भारत के अलावा चीन-नेपाल में मंगलवार देर रात भूकंप आया. नेशनल सेंटर फॉर सिसमोलॉजी के मुताबिक 9 नवंबर बुधवार को सुबह करीब 6.27 बजे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी 4.3 तीव्रता का भूकंप आया.
भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से करीब 90 किलोमीटर पूर्व दक्षिण-पूर्व नेपाल में था. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 दर्ज की गई. भूकंप के चलते नेपाल में मौत की भी खबर है. भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, ये तो हम सभी जानते हैं. लेकिन क्या आपके मन में ये सवाल नहीं उठता कि आखिर भूकंप क्यों आता है, इसकी तीव्रता कैसे मापी जाती है और इसके केंद्र का कैसे पता चलता है? आइए आपको बताते हैं-
जानिए भूकंप क्यों आता है? (Know why earthquakes happen?)
इस मामले में पर्यावरणविद् श्रवण कुमार की मानें तो वैसे तो भूकंप आने की कई वजह हो सकती हैं. लेकिन आज के समय में भूकंप आने का बड़ा कारण इंसानी करतूत है. पहाड़ों को काटा जा रहा है, धरती की गहराई से खुदाई करके तेल निकाला जाता है, पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है और उनकी जगह ऊंची इमारतें तैयार हो रही हैं. इन सब से प्रकृति का संतुलन बिगड़ता है, जो समय-समय पर भूकंप की वजह बनता है.
वैज्ञानिक रूप से जानें कैसे आता है भूकंप? (Scientific reason of earthquakes?)
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भूकंप कैसे और क्यों आता है इसे वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा. दरअसल ये पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
क्या होता है भूकंप का केंद्र? (What is the epicenter of an earthquake?)
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का असर सबसे ज्यादा होता है और सबसे तेज कंपन होता है. कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती हैं, वैसे-वैसे इसका प्रभाव कम होता जाता है. लेकिन अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है. ये इस बात का निर्भर करता है कि भूकंप की आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में है. अगर कंपन की आवृत्ति ऊपर की ओर है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा.
कैसे मापी जाती है तीव्रता? (How is intensity measured?)
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है. रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.
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